बुधवार, 26 सितंबर 2012

व्यंग्य पेज



आप लोग समझ ही गए होंगे कि किस तरह "लालटेन" की रौशनी में,"घड़ी" से समय मिलाकर,"हाथियों" द्वारा उसे ढो कर,"नल" के पानी से "हाथ" धो कर कोयला चोर "साईकल" से भाग जाता है !

और जनता को 'कमल' सुंघाकर मदहोश भी कर देते है ताकि असली चेहरे का पता ना चले ।

साभार : व्यंग्य पेज (फेसबुक चौपाल)
सभी सामग्री इंटरनेट से ली गई है

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